Wednesday, October 16, 2013

एक फ़साना तुम लिखो, एक  कहानी मैं लिखुँ,
अपना अंदाज़े बयां तुम लिखो, अपनी ज़ुबानी मैं लिखुँ,
तमाम उम्र चलना है थामे तेरा हाथ,
सहारे वाले लम्हे तुम लिखो, एक उम्र मस्तानी मैं लिखुँ,
ज़िन्दगी आग का दरिया ही सहि,
किनारे का सुकून तुम लिखो, लहर की नादानी मैं लिखुँ,
हर पल जीना है हमें हर पल की हद तक,
खिली सुबह तुम लिखो, एक शाम सुहानी मैं लिखुँ,
चलो बना दे शब्दों से ज़िन्दगी की तस्वीर,
नए रंग सारे तुम लिखो, एक ग़ज़ल पुरानी मैं लिखुँ। 

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